फकीर विद्रोह
इस आंदोलन की शुरुआत 18 वी शताब्दी के उत्तरार्द्ध में बंगाल में हुई। बंगाल का ब्रिटिश शासन द्वारा विलय करने पर वहां के घूमन्तू फकीर समुदाय द्वारा इसका विरोध किया गया। विरोध स्वरूप 1776-77 ई० में मजनूम शाह के नेतृत्व में फकीर विद्रोहियों ने स्थानीय किसानों व जमींदारों से धन की वसूली प्रारंभ कर दी । इस कार्य में बंगाल के पठानों, राजपूतों तथा सेना के पूर्व सैनिकों ने फकीरों को सहयोग दिया तथा भवानी पाठक व देवी चौधरानी जैसे हिन्दू नेताओं ने बढ चढकर हिस्सा लिया। मजनूम शाह की मृत्यु के बाद आंदोलन की बागडोर चिराग अली शाह ने संभाली।यह आंदोलन 19 वी शताब्दी के प्रारंभ तक चला परंतु ब्रिटिश सेना द्वारा 19 वीं शताब्दी के प्रारंभ में कठोरतापूर्वक दबा दिया गया।
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