अहमदाबाद मिल मजदूर आंदोलन- गांधी जी की प्रथम भूख हड़ताल

अहमदाबाद मिल मजदूर आंदोलन की शुरुआत मिल मालिकों द्वारा बढे हुए प्लेग भत्ते को वापस लेने के विरोध में हुआ। सन् 1917 में अहमदाबाद में प्लेग की बीमारी फैलने के कारण मिल कर्मचारियों को प्लेग बोनस दिया जाता था। सन् 1918 में मिल मालिकों ने बोनस समाप्त करने की घोषणा कर दी। जिसका मिल मजदूरों ने विरोध किया। गांधी जी ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए मिल मजदूरों को शांतिपूर्वक, अहिंसात्मक हड़ताल पर चले जाने एवं 35% बोनस की मांग करने को कहा परन्तु मजदूर 50% भत्ते की मांग कर रहे थे। गांधी जी ने मजदूरों के समर्थन में भूख हड़ताल करने का फैसला किया। हड़ताल को देखते हुए मिल मालिक 20% भत्ता देने को राजी हो गए। गांधी जी के समर्थन से मजदूरों में उत्साह बढ गया और आंदोलन अधिक सक्रिय हो गया।

इस आंदोलन में अंबालाल साराभाई की बहन अनुसूइया बेन ने गांधी जी का साथ दिया और एक दैनिक समाचार पत्र का प्रकाशन भी किया। मजबूर होकर मिल मालिक मजदूरों से समझौता करने के लिए तैयार हो गए। सारा मामला एक ट्रिब्यूनल को सौंप दिया गया । ट्रिब्यूनल ने सारे मामले को देखते हुए हुए मजदूरों को 35% भत्ता देने की घोषणा कर दी जिससे हड़ताल समाप्त हो गई। यह गांधी जी का भारत में दूसरा सफल आंदोलन था। इस आंदोलन में गांधी जी ने पहली बार भूख हड़ताल की थी।

टिप्पणियाँ

  1. Is wajah se mil majdoodooro ki salary 27.5% badh gayi thi..
    Ye ab tk ki sabse badi salary increment thi

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