भगौड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक,2018 (Fugitive Economic Offenders Bill,2018)

 भारतीय संसद में, 19 जुलाई 2018 को लोकसभा तथा 25 जुलाई 2018 को राज्यसभा में भगौड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक,2018 पारित किया गया। अब यह विधेयक राष्ट्रपति महोदय के हस्ताक्षर के पश्चात अधिनियम बन जायेगा। इस अधिनियम के तहत देश की आर्थिक संस्थाओं से धन उधार लेकर विदेशों में भागने वाले लोगों पर शिकंजा कसा जा सकेगा। इस विधेयक के प्रभाव में आने के पश्चात भगौड़े आर्थिक अपराधी विदेशों में छिपकर भारत की कानूनी एवं न्यायिक प्रक्रिया से बच नहीं पायेंगे। साथ ही भारत सरकार के पास ऐसे अपराधियों की संपत्ती जब्त करने एवं उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने का अधिकार होगा।
   

प्रमुख तथ्य:-

  • यह विधेयक अप्रैल माह में राष्ट्रपति महोदय द्वारा जारी किये गये अध्यादेश का स्थान लेगा।
  • इसके तहत 100 करोड़ या इससे अधिक राशि के आर्थिक अपराधियों पर शिकंजा कसा जा सकेगा।
  • वर्तमान में लागू कानूनों के तहत अपराधी की संपत्ती जब्त नहीं की जा सकती परंन्तु भगौड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम,2018 लागू हो जाने पर अपराधी की संपत्ती भी जब्त की जा सकेगी।
  • इस कानून के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) जांच एजेंसी की भूमिका निभायेगा।
  • इस कानून के लागू होने से विदेशों में भागे आर्थिक अपराधियों के द्वारा बैंको से लिए गये ऋण को भागे हुए अपराधियों की संपत्ती जब्त करके चुकाया जा सकेगा जिससे बैंको की NPA की समस्या से निजात दिलाया जायेगा।
  • इस कानून के तहत किसी व्यक्ति को आर्थिक भगौड़ा घौषित होने पर मामले को विशेष न्यायालय के समक्ष ले जाया जायेगा।
  • अपराध सही पाये जाने पर न्यायालय संपत्ती जब्त करने का आदेश दे सकता है। इस संबंध में न्यायालय द्वारा अपराधी को नोटिश जारी किया जायेगा तथा अपराधी को सिविल दावे से अपात्र माना जायेगा।
  • यह कानून लागू होने पर इसके अन्तर्गत जब्त संपत्ती के निपटारण एवं प्रबंधन के लिए प्रशासनिक नियुक्ति की जा सकेगी।
  • यदि इस कानून के तहत प्रचलित कार्यवाही के दौरान अपराधी व्यक्ति भारत वापस लौट आता है और संबंधित न्यायालय के सामने प्रस्तुत होता है तो प्रचलित कार्यवाही रोक दी जायेगी और समस्त संवैधानिक सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेंगी।
                  वर्तमान में प्रभावी कानूनों में व्याप्त कमियां होने के कारण भारयीय न्यायालयों के कार्यक्षेत्र से बाहर रहकर न्यायिक प्रक्रिया से बचने वाले आर्थिक अपराधियों को कानून के दायरे में लाकर उनकी भारतीय एवं विदेशी सम्पत्तियों को जब्त करने के लिए यह कानून केंद्र सरकार द्वारा लाया जा रहा है। किसी आर्थिक अपराधी को भगौड़ा आर्थिक अपराधी घौषित करने के लिए धन-शोधन रोकथाम अधिनियम, 2002 के तहत विशेष न्यायालय के गठन का प्रावधान किया गया है। भगौड़ा आर्थिक अपराधी से आशय एक ऐसे व्यक्त्ति से है जिसके खिलाफ किसी भी सूूूचीबद्ध अपराध के संबंध में उसकेे खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जा चुका है। ऐसी स्थिति में यदि अपराधी देेश छोड़कर जा चुुका है और आपराधिक अभियोजन से बचने के लिए देश वापस लौटने से मना कर रहा है। वर्तमाान समय में भारत से विजय माल्या, नीरव मोदी एवं मेहुल चौकसी जैसे काफी भगौड़े विदेशों मे रह रहे है परंतु कोई ठोस कानून न होने की वजह से उन पर कार्यवाही नहीं हो पाती अब इस कानून के लागू होने पर भविष्य में ऐसी धोखेधड़ी से बचा जा सकेगा। आर्थिक अपराधों की सूची को इस विधेयक में शामिल किया गया है। न्यायालयों को अधिक भार से बचाने के लिए केवल 100 करोड़ या इससे अधिक के अपराधी को ही शामिल किया जायेगा।

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