सावंतवादी विद्रोह
सावंतवादी विद्रोह की शुरुआत एक मराठा सरदार फोण्ड सावंत के नेतृत्व में सन 1944 में हुई। इन्होंने कुछ सरदारों तथा देसाइयों की सहायता से कुछ किलों पर अधिकार कर लिया था। बाद में अंग्रेज सेना ने इन विद्रोहियों को मुठभेड़ के पश्चात परास्त कर दिया और सावंतों के अधिकार वाले किलों को कब्जे में लेकर सावंतों को किले से बाहर खदेड़ दिया। कुछ विद्रोही जान बचाकर गोवा भाग गये थे और बचे हुए विद्रोहियों पर राजद्रोह का मुकदमा चलाया गया।
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