भारत का नामकरण कैसे हुआ
भारत एक महान देश है।यहां की सभ्यता एवं संस्कृति उतनी ही पुरानी है जितना कि मानव की उत्पत्ति। भारत की विशालता के आधार पर इसे उपमहाद्वीप की संज्ञा दी गई है। भारत का प्राचीन नाम आर्यावर्त था। राजा भरत के नाम पर इसका नाम भारतवर्ष पड़ा। वैदिक आर्यों का निवास स्थान सिंधु घाटी में था। पर्शिया (वर्तमान ईरान) के लोगों ने सबसे पहले सिंधु घाटी से भारत में प्रवेश किया। वे लोग 'स' का उच्चारण 'ह' की तरह करते थे तथा वे सिंधु नदी को हिन्दू नदी कहते थे। इसी आधार पर उन्होने सर्वप्रथम भारत को हिंन्दुस्तान नाम दिया। ये लोग सिन्धु का बदला रुप हिन्दु यहां के निवासियों के लिए भी प्रयोग करते थे।जैन पौराणिक कथाओं के अनुसार हिन्दू और बौद्ध ग्रन्थों में भारत के लिए जम्बूद्वीप शब्द का प्रयोग किया गया है। भारत के लिए प्रयुक्त इंडिया शब्द की उत्पत्ति ग्रीक भाषा के इण्डोस से हुआ है। यूनानियों ने सिंधु को इंडस तथा इस देश को इंडिया कहा। जेम्स अलेक्जेंडर ने अपने विवरण में हिन्दू का ह हटाकर देश को इंदू नाम से संबोधित किया था। बाद मे परिवर्तित होकर यह इंडिया हो गया।भारत के संविधान के अनुच्छेद-1 भारत अर्थात इंडिया राज्यों का संघ होगा (India, that is Bharat shall be a union of states) शब्दों को स्पष्ट किया गया है।
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