अर्जुन बांध एक मिट्टी का बना हुआ बांध है, जो 27 मीटर ऊंचा और 5200 मीटर लंबा है, यह बांध उत्तर प्रदेश के चोहरारी में स्थित है, जो महोबा से लगभग 20 किमी दूर धसान नदी को जोड़ता है। यह बांध वर्ष 1957 में अर्जुन नदी पर बनाया गया था। इस बांध की सहायता से लगभग 217 किमी क्षेत्रफल सिंचित है। सिंचाई के लिए यहां 42 किमी लम्बी मुख्य नहर बनायी गयी है। इस 27 मीटर ऊंचे बांध को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने पांच साल का समय लगा लिया। मंगल गढ़ किला और गोवर्धन मंदिर यहां से आसानी से पहुंचा जा सकता है। सीए कानपुर हवाई अड्डा यहां से निकटतम हवाई अड्डा है।
अंग्रेज़ों के विरुद्ध अहोम विद्रोह 1828 ई. में किया गया था। असम के 'कुली' वर्ग के व्यक्तियों ने ईस्ट इण्डिया कम्पनी पर बर्मा युद्ध के समय किये गये वायदे से मुकरने का आरोप लगाया। अंग्रेज़ों ने अहोम प्रदेश को अपने साम्राज्य में मिलाने का प्रयास किया। अहोमों ने अंग्रेज़ों के इस प्रयास को विफल करने के लिये 1828 ई. में 'गोमधर कुंअर' के नेतृत्व में विद्रोह कर दिया तथा रंगपुर पर चढ़ाई की योजना बनाई। अंग्रेज़ी सेना इस विद्रोह पर नियंत्रण पाने में असफल रही। 1830 ई. में अहोमों द्वारा दूसरे विद्रोह की योजना बनाई गयी। इससे पहले की विद्रोह होता, कम्पनी ने शान्ति की नीति अपनाते हुए उत्तरी असम के प्रदेश महाराज 'पुरन्दर सिंह' को दे दिये और विद्रोह शांत हो गया।
जवाब देंहटाएंArya Yaduvanshi - 8909370570
जवाब देंहटाएंअंग्रेज़ों के विरुद्ध अहोम विद्रोह 1828 ई. में किया गया था। असम के 'कुली' वर्ग के व्यक्तियों ने ईस्ट इण्डिया कम्पनी पर बर्मा युद्ध के समय किये गये वायदे से मुकरने का आरोप लगाया। अंग्रेज़ों ने अहोम प्रदेश को अपने साम्राज्य में मिलाने का प्रयास किया। अहोमों ने अंग्रेज़ों के इस प्रयास को विफल करने के लिये 1828 ई. में 'गोमधर कुंअर' के नेतृत्व में विद्रोह कर दिया तथा रंगपुर पर चढ़ाई की योजना बनाई। अंग्रेज़ी सेना इस विद्रोह पर नियंत्रण पाने में असफल रही। 1830 ई. में अहोमों द्वारा दूसरे विद्रोह की योजना बनाई गयी। इससे पहले की विद्रोह होता, कम्पनी ने शान्ति की नीति अपनाते हुए उत्तरी असम के प्रदेश महाराज 'पुरन्दर सिंह' को दे दिये और विद्रोह शांत हो गया।
1830 में आहोम विद्रोह के नेतृत्वकर्ता कौन थे
हटाएंGomdhar kuwanr
हटाएं