नोबेल पुरस्कार प्राप्तकर्ता भारतीयों की सूची
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दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार नोबेल पुरस्कार स्वीडन के महान वैज्ञानिक एवं बारूद के अविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की 1896 में मरने से पहले वसीयत के अनुसार उनकी संपत्ति से अर्जित धन से नोबेल फाउंडेशन के द्वारा स्वीडन की राजधानी स्काटहाम में प्रति वर्ष प्रदान किया जाता है। ये पुरस्कार प्रतिवर्ष चिकित्सा, भौतिकी, रसायन, शांति, साहित्य और अर्थशास्त्र के छेत्र में दिये जाते हैं। शांति का नोबेल नार्वे की राजधानी आस्लो में दिया जाता है।
भारतीयों के द्वारा ज्ञान, विज्ञान के छेत्र में अद्वितीय योगदान के लिए अब तक 5 भारतीयों व कुछ भारतवंशियों को अब तक नोबेल पुरस्कार दिया गया है
दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार नोबेल पुरस्कार स्वीडन के महान वैज्ञानिक एवं बारूद के अविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की 1896 में मरने से पहले वसीयत के अनुसार उनकी संपत्ति से अर्जित धन से नोबेल फाउंडेशन के द्वारा स्वीडन की राजधानी स्काटहाम में प्रति वर्ष प्रदान किया जाता है। ये पुरस्कार प्रतिवर्ष चिकित्सा, भौतिकी, रसायन, शांति, साहित्य और अर्थशास्त्र के छेत्र में दिये जाते हैं। शांति का नोबेल नार्वे की राजधानी आस्लो में दिया जाता है।
भारतीयों के द्वारा ज्ञान, विज्ञान के छेत्र में अद्वितीय योगदान के लिए अब तक 5 भारतीयों व कुछ भारतवंशियों को अब तक नोबेल पुरस्कार दिया गया है
नोबेल पुरस्कार प्राप्तकर्ता भारतीय
1. रवींद्र नाथ टैगोर- 1913( साहित्य का नोबेल)
कोलकाता में जन्मेंं विश्व प्रशिद्ध साहित्यकार श्री रवीन्द्रनाथ टैगोर को उनकी कृति 'गीतांजलि' के लिए सन् 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया। यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले टैगोर जी पहले भारतीय थे। वे साहित्यकार के साथ-साथ कवि, कहानीकार,उपन्यासकार, कला-प्रवीण के साथ अध्यापक व पत्रकार भी रहे। गुरूदेव के नाम से विख्यात टैगोर जी ने सन् 1901 में कलकत्ता में शांति निकेतन की स्थापना की गयी थी जो वर्तमान में 'विश्वभारती विश्वविद्यालय' के नाम से जाना जाता है। गुरूदेव के द्वारा भारत के राष्ट्रगान... 'जन गण मन...' एवं बांग्लादेश के राष्ट्रगान...' अमार सोनार बांग्ला...' की रचना की गयी थी।
2. डा. सी. वी. रमन- 1930( भौतिकी का नोबेल)
तमिलनाडु के तिरूचिरापल्ली के समीप तिरूनेलवेली मेंं जन्मे डा. सी. वी. रमन (Dr. Chandrasekhar Venkat Raman) को सन् 1930 में प्रकाश के प्रकीर्णन पर अध्ययन के लिए 'भौतिकी का नोबेल पुरस्कार' प्रदान किया गया था। डा. रमन की इस खोज को 'रमन प्रभाव (Raman Effect)' के नाम से जाना जाता है।
प्रकाश की किरणों के तरंगदैर्ध्य में परिवर्तन की थ्योरी भौतिक विज्ञान की समझ में मील का पत्थर साबित हुई।
मैसिडोनिया में जन्मीं मदर टेरेसा 19 वर्ष की आयु में भारत आकर रहने लगीं और रोमन कैथोलिक नन के रूप में भारत में गरीबों और असहाय लोगों की सहायता करने में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उन्हीं के प्रयासों से मिशनरी आफ चैरिटी की स्थापना हुई। वर्ष 1979 में टेरेसा को नोबेल फांउडेशन के द्वारा मानव जाति के भलाई के लिए किए गए कार्यों के लिए शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। टेरेसा की मृत्यु 5 सितंबर 1997 को हुई। उन्हें मृत्यु के 19 वर्ष बाद 2016 में रोमन चर्च द्वारा संत की उपाधि दी गयी।
प्रकाश की किरणों के तरंगदैर्ध्य में परिवर्तन की थ्योरी भौतिक विज्ञान की समझ में मील का पत्थर साबित हुई।
3.मदर टेरेसा - 1979 (शांति का नोबेल)
मैसिडोनिया में जन्मीं मदर टेरेसा 19 वर्ष की आयु में भारत आकर रहने लगीं और रोमन कैथोलिक नन के रूप में भारत में गरीबों और असहाय लोगों की सहायता करने में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उन्हीं के प्रयासों से मिशनरी आफ चैरिटी की स्थापना हुई। वर्ष 1979 में टेरेसा को नोबेल फांउडेशन के द्वारा मानव जाति के भलाई के लिए किए गए कार्यों के लिए शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। टेरेसा की मृत्यु 5 सितंबर 1997 को हुई। उन्हें मृत्यु के 19 वर्ष बाद 2016 में रोमन चर्च द्वारा संत की उपाधि दी गयी।
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4. अमर्त्य सेन - 1998(अर्थशास्त्र का नोबेल)
कलकत्ता के शांति निकेतन में 3 नवंबर 1933 को जन्मे अमर्त्य सेन को उनकी अर्थशास्त्र के छेत्र में लोक कल्याणकारी अवधारणा प्रस्तुत करने के लिए वर्ष 1998 में अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिला। अर्थशास्त्र के छेत्र में नोबेल प्राप्त करने वाले अमर्त्य सेन पहले ऐशियाई नागरिक बने।अमर्त्य सेन ने मानव के कल्याण और विकास पर अनेक पुस्तकें लिखीं। उन्होंने हावर्ड विश्वविद्यालय, जादवपुर विश्वविद्यालय, दिल्ली स्कूल आफ इकानामिक्स तथा ओक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में शिक्षण का कार्य किया। उन्हे वर्ष 1999 में भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया।
5. कैलाश सत्यार्थी - 2014 (शांति का नोबेल)
मध्य प्रदेश में जन्मे कैलाश सत्यार्थी के द्वारा बच्चों और युवाओं पर होने वाले शोषण के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए विश्व के विभिन्न संगठनों के द्वारा सराहा गया। उन्हें वर्ष 2014 में पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई के साथ शांति का नोबेल प्रदान किया गया।
नोबेल पुरस्कार प्राप्तकर्ता भारतवंशी
1.हरगोविंद खुराना- 1968( शांति का नोबेल)
भारतीय मूल के अमेरिकी जैव रसायन विज्ञानी डा. हरगोविंद खुराना को मार्शल डब्ल्यू नीरेनबर्ग और रॉबर्ट डब्ल्यू होल्ली के साथ वर्ष 1968 में, “प्रोटीन संश्लेषण में आनुवांशिक कोड की व्याख्या और उसके कार्य के लिए” फिजियोलॉजी या मेडिसिन के लिए नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। तीनों ने इस शोध से यह स्पष्ट कर दिया कि न्यूक्लिक एसिड में उपस्थित न्यूक्लियोटाइड, कोशिका के आनुवंशिक कोड के वाहक के रूप में कार्य करना, कोशिकाओं द्वारा प्रोटीन के संश्लेषण की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है।
2. सुब्रह्मण्यम चन्द्रशेखर-1983 (भौतिकी का नोबेल)
सुब्रह्मण्यन चंद्रशेखर को “तारों की संरचना और विकास के महत्व के भौतिक प्रक्रियाओं के सैद्धांतिक अध्ययन” के लिये 1983 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। नोबेल पुरस्कार विजेता सर सी.वी. रमन के भतीजे सुब्रमण्यन चंद्रशेखर का भारत में जन्म हुआ लेकिन बाद में वह अमेरिका चले गये थे। उनकी खोजों ने तारों के विकास में शामिल भौतिक प्रक्रिया की स्थापना का नेतृत्व किया। उन्होंने सफेद वामन द्रव्यमान की ऊपरी सीमा भी निर्धारित की जिसे चंद्रशेखर सीमा के रूप में जाना जाता है।
3. वी. रामाकृष्णन- 2009 (रसायन का नोबेल)
भारतीय मूल के अमेरिकी-ब्रिटिश संरचनात्मक जीव विज्ञानी वेंकटरमन रामाकृष्णन को “राइबोसोम की संरचना और कार्य के अध्ययन के लिये” थॉमस ए. स्टीट्स और एडा ई. योनाथ के साथ 2009 में रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह वर्तमान में रॉयल सोसाइटी (लंदन) के अध्यक्ष हैं।
भारत से संबंध रखने वाले नोबेल पुरस्कार विजेताओं की सूची
1. रोनाल्ड राँँस- 1902 (फिजियालोजी या चिकित्सा का नोबेल)
सर रोनाल्ड रॉस का जन्म ब्रिटिश-भारत का हिस्सा अल्मोड़ा में हुआ था और उन्होंने 25 सालों तक भारतीय चिकित्सा सेवा के साथ काम किया। सर रॉस ने मच्छरों द्वारा मलेरिया परजीवी के संचरण को साबित करने वाली अपनी खोज के साथ हमें मलेरिया (जो उस समय काफी घातक था) से निपटने और उस पर विजय प्राप्त करने में सक्षम बनाया।
2. रूडयार्ड किपलिंग-1907 (साहित्य का नोबेल)
प्रसिद्ध कवि और लेखक रुडयार्ड किपलिंग का जन्म बॉम्बे (ब्रिटिश भारत) में हुआ था। जहाँ उनका जन्म हुआ उस देश (भारत) से उनको असीम प्रे़म था। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने भारत में अपने अनुभवों जैसे द जंगल बुक जैसे कई कार्य किये। 1907 में उन्हें साहित्य में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
3. 14 वें दलाई लामा – 1989 (शांति का नोबेल)
14 वें दलाई लामा तेनेजिन ग्यात्सो, वर्तमान में दलाई लामा को “तिब्बत की मुक्ति के संघर्ष और शांतिपूर्ण समाधान के प्रयास” के लिये 1989 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। दलाई लामा शांति और सामंजस्य का चेहरा बन गए हैं, जो दुनिया भर में तिब्बत के मुद्दे के बारे में उनकी प्रतिबद्धता के लिए खड़े हुए हैं।
4. वी.एस. नायपॉल - 2001 ( साहित्य का नोबेल)
सर वीएस नायपॉल एक हिंदू भारतीय के बेटे थे जिन्होंने त्रिनिदाद से प्रवास किया था। उन्होंने 30 से अधिक पुस्तकों की रचना की। 2001 में उनको “कामों में एकजुट कथा और अविनाशी जांच करने के लिए जो हमें दबाए इतिहास की उपस्थिति देखने के लिए मजबूर करता है” के लिये साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
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